ज्यादातर सर्दियों में आर्थराइटिस का दर्द बढ़ जाता है। ऐसे में इन दिनों जोड़ों का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है। ठंड में जोड़ों के दर्द से खुद को बचाकर रखने के लिए कमर कस लेनी चाहिए ताकि कड़ाके की ठंड से पहले ही आप खुद को सुरक्षित कर लें।
ऊर्जा से भरी, दौड़ती-भागती जिंदगी अचानक थमने लगती है जब जोड़ों का दर्द घेर लेता है। आजकल कई कारणों से कम उम्र में ही जॉइंट पेन या जोड़ों की तकलीफें लोगों के जीवन का हिस्सा बनने लगी है। ऐसे में कुछ साधारण तरीके इस तकलीफ से दूर रहने में काफी हद तक मददगार हो सकता है। हड्डियों के जोड़ों की संरचना बेहद जटिल होती है। इसके कार्टिलेज दोनों सिरों के बीच कुशन का काम करते हैं, लिगामेंट जोड़ों को एक दूसरे से बांध कर रखते हैं और मांसपेशियां इस संरचना को सहारा देती हैं। उम्र बढऩे और सर्दियां आने पर दिक्कत और बढ़ती है, ऐसे में इन दिनों जोड़ों का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी होता है। स्वस्थ रक्त संचार आपके जोड़ों को लचीला और गर्म रखेगा ताकि आपको दर्द महसूस न हो। व्यायाम से रक्त संचार बढ़ता है और गर्म खून शरीर के हर हिस्से तक पहुंचता है, जिनमें शरीर के जोड़ भी शामिल हैं। जोड़ों की समस्याओं से ग्रसित होने की आशंका उन लोगों को भी बहुत होती है जिनकी फिजिकल एक्टिविटी एकदम कम होती है और वे किसी प्रकार का व्यायाम भी नहीं करते। ऐसे लोगों में मसल्स कमजोर हो जाती हैं और तकलीफ पैदा हो सकती है। मांसपेशी जोड़ों को सहारा और मजबूती देती हैं। इन्हें मजबूत रखकर हम अपने जोड़ों को लंबे समय तक आर्थराइटिस से मुक्त रख सकते हैं। ठंड के दिनों में सभी मौसमी फल व सब्जियां अपने खाने में शामिल करें, जैसे कि संतरे, पत्तागोभी, गाजर, पालक, टमाटर आदि ताकि आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज मिलता रहे। विटामिन डी का पर्याप्त उत्पादन आपके शरीर में होता रहे, इसके लिए धूप में खासा वक्त गुजारें। जोड़ों के आस-पास मौजूद मसल्स को ताकतवर और लचीला बनाने से टखनों, घुटनों, कन्धों और कूल्हों जैसे जोड़ों पर दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है।
ऊर्जा से भरी, दौड़ती-भागती जिंदगी अचानक थमने लगती है जब जोड़ों का दर्द घेर लेता है। आजकल कई कारणों से कम उम्र में ही जॉइंट पेन या जोड़ों की तकलीफें लोगों के जीवन का हिस्सा बनने लगी है। ऐसे में कुछ साधारण तरीके इस तकलीफ से दूर रहने में काफी हद तक मददगार हो सकता है। हड्डियों के जोड़ों की संरचना बेहद जटिल होती है। इसके कार्टिलेज दोनों सिरों के बीच कुशन का काम करते हैं, लिगामेंट जोड़ों को एक दूसरे से बांध कर रखते हैं और मांसपेशियां इस संरचना को सहारा देती हैं। उम्र बढऩे और सर्दियां आने पर दिक्कत और बढ़ती है, ऐसे में इन दिनों जोड़ों का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी होता है। स्वस्थ रक्त संचार आपके जोड़ों को लचीला और गर्म रखेगा ताकि आपको दर्द महसूस न हो। व्यायाम से रक्त संचार बढ़ता है और गर्म खून शरीर के हर हिस्से तक पहुंचता है, जिनमें शरीर के जोड़ भी शामिल हैं। जोड़ों की समस्याओं से ग्रसित होने की आशंका उन लोगों को भी बहुत होती है जिनकी फिजिकल एक्टिविटी एकदम कम होती है और वे किसी प्रकार का व्यायाम भी नहीं करते। ऐसे लोगों में मसल्स कमजोर हो जाती हैं और तकलीफ पैदा हो सकती है। मांसपेशी जोड़ों को सहारा और मजबूती देती हैं। इन्हें मजबूत रखकर हम अपने जोड़ों को लंबे समय तक आर्थराइटिस से मुक्त रख सकते हैं। ठंड के दिनों में सभी मौसमी फल व सब्जियां अपने खाने में शामिल करें, जैसे कि संतरे, पत्तागोभी, गाजर, पालक, टमाटर आदि ताकि आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज मिलता रहे। विटामिन डी का पर्याप्त उत्पादन आपके शरीर में होता रहे, इसके लिए धूप में खासा वक्त गुजारें। जोड़ों के आस-पास मौजूद मसल्स को ताकतवर और लचीला बनाने से टखनों, घुटनों, कन्धों और कूल्हों जैसे जोड़ों पर दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है।