दुल्हे को कंधे पर उठाकर करवाई नदी पार, पढ़िए पूरी खबर
#Made the groom cross the river by lifting it on his shoulder, read the full news
नरसिंहपुर । जबलपुर के एक युवक की शादी में बाढ़ इस तरह बाधा बनी कि बरातियों-ग्रामीणों को दूल्हे सहित पंडित को मंडप तक पहुंचाने खासे जतन करने पड़े। बाढ़ के पानी में डूबी नदी की पुलिया पार कराने के लिए दोनों तरफ ट्रैक्टर की मदद से मोटी रस्सी खींची गईं। उसके बाद दूल्हे को होने वाली ससुराल में सात फेरे कराने कंधे पर उठाकर रस्सी के सहारे पुलिया पार कराई गई। तब कहीं बरातियों और वधु पक्ष के लोगाें ने राहत की सांस ली। तय मुहूर्त पर दूल्हा-दुल्हन के सात फेरे हो सके। मामला नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के ग्राम नौन पिपरिया का है। जहां जबलपुर जिले के ग्राम चरगंवा निवासी मोहन पटेल की बरात आई थी। जिले में तीन दिन तक हुई जोरदार वर्षा के कारण क्षेत्र के नदी-नाले उफना रहे थे। मोहन की शादी कीर्ति पिता मूरतसिंह पटेल से होनी थी।नौन पिपरिया गांव के मुख्य मार्ग की पुलिया भी डूब गई थी। बैंडबाजों के साथ आई बरात ने पहले तो बाढ़ कम होने का इंतजार किया, लेकिन जब काफी देर तक बाढ़ में कोई अंतर नहीं दिखा तो फिर शादी के मुहूर्त की चिंता करते हुए किसी तरह दूल्हे को दुल्हन के घर पहुंचाने के जतन-जुगाड़ किए जाने लगे। गांव के लोगों ने दूल्हे की तय समय पर शादी कराने के लिए दो ट्रैक्टरों का जुगाड़ किया और उन्हें दोनों तरफ खड़े कर मोटी रस्सी बांधी गईं।
दूल्हे को कंधे पर उठाकर रस्सी के सहारे पुलिया पार कराई और इसी तरह पंडित व अन्य बरातियों को भी सुरक्षित दुल्हन के घर तक भिजवाया। इसी तरह विवाह के बाद दूल्हा-दुल्हन व बरातियों को भी फिर से पुलिया पार कराई। गांव में पहली बार इस तरह से दूल्हा-दुल्हन को पुलिया पार कराते हुए कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाया और अब यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है। जिसे देख लोग यह भी कह रहे हैं कि शादी तो तय मुहूर्त पर जरूरी है,लेकिन जान का जोखिम उठाकर इस तरह से निकलना भी ठीक नहीं है।