अब दवाओं पर भी अनिवार्य क्यूआर कोड
#now mandatory qr code on medicines
भोपाल । जिस तरह से दवाइयों के रॉ मटेरियल पर क्यूआर कोड की अनिवार्यता रहती है, उसी तरह दवाइयों की स्ट्रिप पर भी क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया गया है। 1 अगस्त के बाद बनने वाली दवाइयों पर इसे अनिवार्य कर दिया गया है, साथ ही उसमें दवाई का जेनरिक नाम लिखने के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे नकली दवाइयों पर लगाम लगेगी और कोड स्कैन करने के बाद दवा के संबंध में पूरी जानकारी मोबाइल पर आ जाएगी। पहले यह व्यवस्था एक्सपोर्ट की जाने वाली दवाओं पर लागू थी, लेकिन अब इसे देश में ही इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर भी लागू किया गया है। बेसिक ड्रग डीलर एसोसिएशन के महासचिव जेपी मूलचंदानी ने बताया कि दवाइयों के कच्चे माल फार्मास्युटिकल रॉ मटेरियल पर पिछले दिनों क्यूआर कोड लगाने का नियम केन्द्र सरकार ने बनाया था जो लागू भी कर दिया गया है।इसका फायदा यह होता ह ेकि रॉ मटेरियल नकली बनने व बिकने की संभावना समाप्त हो जाती है। मूलचंदानी ने बताया कि हमने एक्सपोर्ट होने वाली दवाइयों की तरह डोमेस्टिक उपयोग में की जाने वाली दवाइयों पर भी क्यूआर कोड लगाने की मांग की थी। केन्द्र सरकार ने 1 अगस्त से शीर्ष 300 दवाओं के ब्रांड पर क्यूआर कोड लगाने का निर्देश सख्ती से लागू कर दिया है। डीसीजीआई यानि भारतीय औषधि नियंत्रण जनरल ने कड़ाई से इस आदेश का पालन करने के निर्देश जारी किए हैं। बारकोड या क्यूआर कोड में जेनरिक नाम लिखना अनिवार्य होगा।
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