फांसी के फंदे पर लटके मिले शव ने बताया यह आत्महत्या नहीं "हत्या" ही है - World Media

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फांसी के फंदे पर लटके मिले शव ने बताया यह आत्महत्या नहीं "हत्या" ही है


मध्य प्रदेश के सतना जिले में जंगल के एक पेड़ पर लटके मिले ग्रामीण के शव का जब परीक्षण किया गया तो लाश ने खुद ही अपनी कहानी बयां कर दी। फॉरेंसिक साइंस तथा एक्सपर्ट पुलिस अधिकारियों की विवेचना के दौरान लाश की स्थिति से स्पष्ट हो गया था कि यह आत्महत्या नहीं हत्या का ही मामला है। हत्या के आरोपी ने पुलिस तथा लोगों को गुमराह करने के लिए मर्डर के बाद ग्रामीण की लाश को जंगल ले जाकर फांसी के फंदे से लटका दिया था। पुलिस की विवेचना में जो तथ्य सामने आए, उसके आधार पर निशानदेही तय हुई और फिर संदेही के रूप में पकड़ कर ले गए। आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मामला चरित्र संदेह से जुड़ा हुआ था।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि सतना पुलिस को 17 जून को जंगल में पेड़ से लटकी एक लाश मिली थी। जिस व्यक्ति की लाश पुलिस को मिली थी उसकी गुमशुदगी की जानकारी उसके बेटे ने एक दिन पहले ही पुलिस को दी थी। सतना जिले की बरौंधा थाना पुलिस को 16 जून की देर शाम केल्हौरा गांव के रहने वाले एक युवक ने आकर सूचना दी थी कि उसके पिता रामसजीवन यादव लापता हैं। रामसजीवन यादव वन विभाग में दिहाड़ी कर्मचारी था और चौकीदार भी करता था। रामसजीवन के बेटे दयाराम ने पुलिस को ये भी बताया था कि पिता की टूटी हुई मोटरसाइकिल गांव के ही रहने वाले मंजू सिंह ने शाम को घर पर लाकर दी थी लेकिन पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस ने रात में ही लापता रामसजीवन यादव की तलाश शुरु की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। उसी रात पुलिस ने शक के आधार पर मधू सिंह को हिरासत में ले लिया। इसके बाद दूसरे दिन 17 जून को ग्रामीणों को रामसजीवन की लाश गांव से कुछ दूरी पर जंगल के पास एक पेड़ पर फांसी पर लटकी दिखी। रामसजीवन यादव की लाश मिलने की खबर लगते ही जब पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि लाश एक पेड़ पर लटकी हुई थी लेकिन उसके हाथ अकड़े हुए थे। हाथों की पोजिशन देख पुलिस को शक हुआ। दोनों हाथ की पोजिशन फांसी लगाकर आत्म हत्या करने को झूठा साबित कर रहे थे। क्योंकि फंदा लगाकर फांसी से मौत होने पर हाथ सीधे नीचे रहते हैं। लेकिन यहां पर हाथ अकड़े हुए सीधे बैठी अवस्था की तरह थे। पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि यह रिगर मॉर्टिस (अकड़न) की वजह से हुआ है। रिगर मॉर्टिस उसे कहते हैं जब शरीर मौत के कुछ घंटों के बाद अकड़ने लगता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ये पाया गया कि शव के शरीर में कई स्थानों पर चोट के निशान है। उसके अंडकोष में भी चोट के निशान है।

संदेही ने पुलिस की पूछताछ में ऊगली सच्चाई

बताया जाता है कि पुलिस ने अवैध संबंधों के शक के आधार पर जांच शुरू की तो ग्रामीणों से पता चला की गांव के रहने वाले रामजस मवासी को अपने घर में अवैध संबंध का शक रहता है। उसे कई लोगों पर शक है। इतना ही नहीं उसका रामसजीवन यादव के साथ और भी दूसरी चीजों को लेकर विवाद चल रहा था। इस आधार पर पुलिस ने रामजस को पकड़ पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसका पुराना विवाद तो था ही साथ ही उसे रामसजीवन के चरित्र पर भी शंका थी। जब उसने रामसजीवन को अपने घर के आगे से गुजरता देखा तो उसे अकेला पाकर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान अंडकोष में भी मारा। फिर गला दबा कर हत्या कर दी। इसके बाद शव को घर के पीछे ले जाकर छिपा दिया। शव को दीवार से टिकाकर छिपाया था। जिससे उसके हाथ उसी अवस्था में अकड़ गए।

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