अल्मोड़ा: अपराधी चाहे कितना भी शातिर भले क्यों न हो लेकिन वह पुलिस के शिकंजे से बच नहीं सकता। जी हां, पुलिस ने एक हत्यारोपी युवक को 10 साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोप है कि युवक ने अपने का मर्डर कर तेजाब से जलाने के बाद फरार हो गया था। एसटीएफ देहरादून को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ की टीम ने दस साल से फरार हत्या के आरोपी को मुंबई से गिरफ्तार किया है। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद गुरुवार को अल्मोड़ा पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2014 में अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा में एक अधजला नर कंकाल मिला था। जांच में मृतक की शिनाख्त गुलाब सिंह पुत्र भादलूराम निवासी गवाली पधर, मण्डी, हिमाचल के रूप में हुई। पूछताछ में सामने आया कि गुलाब सिंह की हत्या उसके साथी नागराज उर्फ तिलकराज निवासी कुन्दल पचर, मंडी हिमाचल प्रदेश ने की थी। वारदात के बाद से नागराज फरार चल रहा था। अल्मोड़ा के अलावा प्रदेश और हिमाचल की पुलिस ने नागराज की तलाश की। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया।
काफी खोजबीन के बाद पुलिस ने नागराज को फरार घोषित कर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। कुछ साल बाद मामला एसटीएफ के पास आया तो टीम ने मंडी जाकर नागराज के बारे में जानकारी जुटाई। इस दौरान पता चला कि नागराज इस समय मुंबई में है। इस पर एसटीएफ के कैलाश नयाल और अर्जुन रावत को मुंबई भेज नागराज के बारे में जानकारी जुटाई गई। छानबीन में नागराज मुंबई में ‘पाया सूप’ का काम करता मिला। मंगलवार को टीम ने नागराज को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद नागराज को ट्रांजिट रिमांड पर अल्मोड़ा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। गुरुवार को अल्मोड़ा पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। नागराज ने बताया कि गुलाब की हत्या के बाद वह डर गया था। उसने हत्याकांड को छुपाने के लिए शव को दफनाने का प्लान बनाया। शव की शिनाख्त न हो पाए इसके लिए उसने गुलाब के चेहरे पर पिरुल डालकर तेजाब से जला दिया। इसके बाद खेत में ही गड्ढा बनाकर उसके शव को दफना दिया।
पूछताछ में नागराज ने बताया है कि वह और गुलाब सिंह अच्छे दोस्त थे। खाना पीना साथ में होता था। घटना की रात दोनों ने साथ में शराब पी। इस दौरान आपसी बीच विवाद हो गया। विवाद हाथापाई में बदल गया और नागराज ने सरिया गुलाब सिंह के गले में घुसा दी। गुलाब की मौके पर ही मौत हो गई। एसटीएफ टीम के मुताबिक नागराज हत्या के बाद हिमाचल स्थित अपने गांव चला गया था। लेकिन उसे गुलाब सिंह का शव मिलने की भनक लग गई। इसके बाद वह हर छह माह में शहर बदलता रहा। कोरोना के समय नागराज को गांव लौटना पड़ा, लेकिन परिजनों ने उसे गांव से चले जाने को कह दिया। इस बार एसटीएफ की पुख्ता सूचना के बाद मुंबई पुलिस की मदद से उसे दबोचने में कामयाबी मिली। दस साल पूर्व लमगड़ा में हुए जघन्य हत्याकांड का आरोपी नागराज आखिरकार एसटीएफ देहरादून के हत्थे चढ़ गया है। एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने पहले अपने दोस्त के गले में सरिया घुसाई, फिर तेजाब से मुंह जलाकर जमीन में दफन किया था।
पुलिस के मुताबिक 14 अक्टूबर 2014 में लमगड़ा में गुलाब सिंह का शव मिला था। गिरफ्तार आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि गुलाब सिंह दस मार्च को नागराज के साथ ही लीसे का काम करने लमगड़ा आया था। पुलिस ने नागराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी। लेकिन तमाम प्रयास के बाद भी नागराज पुलिस के हत्थे नहीं लग पाया। इसके बाद पुलिस ने नागराज के घर की कुर्की की और उसे फरार घोषित कर 20 हजार रुपये का इनाम रख दिया। दस साल बाद आखिरकार नागराज एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया।