विधानसभा में मदरसों पर बहस, सत्ता पक्ष के विधायकों ने की बंद करने की मांग, आतिफ बोले- सरकार शर्म करे - World Media

Breaking

विधानसभा में मदरसों पर बहस, सत्ता पक्ष के विधायकों ने की बंद करने की मांग, आतिफ बोले- सरकार शर्म करे


मध्य प्रदेश में मदरसे को लेकर सियासत गरमाने लगा है क्योंकि मानसून सत्र के दौरान सदन में भाजपा विधायक अभिलाष पांडेय ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 को समाप्त करने के लिए अशासकीय संकल्प लाया है. इस पर अब खुलकर राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी के लोग जहां इसे जरूरी बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस के नेता ध्यान भटकाने की कोशिश करार दे रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि भाजपा को रोजगार, शिक्षा, बेरोजगारी, पेपर लीक जैसे मुद्दों पर बात न करना पड़े इसलिए हिन्दू-मुस्लिम करके मु्द्दे से भटकाया जा रहा है

बता दें कि इस अशासकीय संकल्प के लागू होने और संविधान से अनुच्छेद 30 को समाप्त कर देने के बाद अल्पसंख्यकों को धार्मिक या भाषाई आधार पर शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रबंधन के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा.


इस मामले में पूर्व मंत्री उषा ठाकुर का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि मदरसों में जो संदिग्ध गितिविधियां चल रही है, उससे सभी लोग वाकिफ हैं.

उन्होंने कहा है कि मदरसों को मदरसा बोर्ड की अनुमति भी नहीं है और आयोग के सदस्यों ने जब इसका दौरा किया तो यहां एक ही छोटे कमरे में 40-40 बच्चे मिले. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन मदरसों से बंधुआ मजदूर और मानव तस्करी के सबूत भी मिल रहे हैं. इसलिए में मदरसों को बंद करने के पक्ष में हूं.

वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा है कि बीजेपी हिन्दू-मुस्लिम करके लोगों का ध्यान भटका रही है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी सिर्फ लोगों को बांटती है. इनके सरकार का ध्यान रोजगार पर नहीं है. मेरी उन विधायकों से मांग है कि वे रोजगार, शिक्षा, पेपर लीक पर बात करें.

एक और बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि जहां भारत माता की जय और जय हिंद नहीं बोला जाएगा उस जगह को ही बंद कर दी जाएगी. उन्होंने कहा है कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सबको शिक्षा और रोजगार मिले. मदरसा एक मजहब की बात करता है, अगर यहां इंजीनियर, डॉक्टर, कलेक्टर बनता तो बात कुछ और था लेकिन यहां केवल धार्मिक शिक्षा दी जाती है, इसलिए यह बंद होना चाहिए


कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने भाजपा की तरफ से उठी इस बात का सख्ती से विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार को शर्म आना चाहिए, जो एक वर्ग विशेष से जोड़कर कमजोर वर्ग को मिलने वाली आसान शिक्षा के खिलाफ बात की जा रही है। अकील ने कहा कि यह सबको पता है कि मदरसों में क्या हो रहा है, क्या तालीम दी जा रही है और इससे कौन लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा कि महज एक समुदाय को टारगेट बनाकर की जाने वाली बातें सरकार के लिए शोभनीय नहीं हैं।

Pages