एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया प्रमुख राष्ट्र तकनीकी व्यवधान पैदा करने की क्षमता रखते हैं, जिससे यह जंग वास्तविकता में बदल सकती है। सोशल मीडिया पर उनके प्रेडिक्शन को संजीदगी से लिया जा रहा है इसकी वजह उनकी पिछली भविष्यवाणियां हैं, जो ज्यादातर सही साबित हुई हैं, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल आउटेज, कोरोनावायरस महामारी और एलन मस्क के ट्विटर अधिग्रहण जैसी घटनाएं शामिल थीं। सलोम का मानना है कि आने वाले समय में ईरान और इज़राइल, दोनों देश अपने सैन्य रणनीतियों में आर्टिफिशेयल इंटिलेजेंस का ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं।
साथ ही ये भी चेतावनी दी कि शांति बनाए रखने के लिए इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन अगर इसका गलत इस्तेमाल हुआ, तो यह संघर्ष को और बढ़ा सकता है। यह स्थिति दुनिया को एक बड़े युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर सकती है। सलोम की मानें तो तकनीक का बढ़ता इस्तेमाल, खासकर अमेरिका, रूस, चीन, और उत्तर कोरिया जैसे देशों में, एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। सलोम के अनुसार का इस्तेमाल तीसरे विश्व युद्ध में किया जा सकता है, जिससे तीन दिनों का अंधकार जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. इससे दुनिया भर के इलेक्ट्रॉनिक ढांचे ठप हो सकते हैं, जिससे समाज ढह सकता है और देशों में अराजकता फैल सकती है।