शादी कार्ड की एपीके फाइल भेजकर खाते से उड़ा दी रकम - World Media

Breaking

शादी कार्ड की एपीके फाइल भेजकर खाते से उड़ा दी रकम


भोपाल। सायबर ठगो द्वारा इन दिनो निमंत्रण के लिये शादी के कार्ड की एपीके फाइल भेजकर लोगों को अपना शिकार बनाते हुए उनके एकाउंट से रकम उड़ा रहे है। ठगो ने पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के सब इंजीनियर को ऐसे ही अपने जाल में फंसाया और उनका स्मार्टफोन हैक कर बैंक खाते से हजारो की रकम उड़ा दी। जानकारी के अनुसार ठगो का शिकार संदीप भार्गव 30 अक्टूबर को अपने आफिस में बैठकर काम कर रहे थे। वाट्सएप चेक करने पर पता चला कि एक निमंत्रण पत्र वाट्सएप पर आया हुआ है। वह ऑफिस की पीडीएफ फाइल की तरह ही लग रही थी। उस के आगे एपीके लिखा था। उसे देखने के लिये उन्होनें उस पर क्लिक कर खोलने का प्रयास किया।उन्होनें जैसै ही पीडीएफ फाइल समझकर उसे खोला उसके बाद ही उनका ही मेरा वाट्सएप हैंग हो गया और फोन ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद उनके फोन पर बैंक से ओटीपी जनरेट होने के संदेश आने लगे। ओर उनके एकांउट से करीब 60 हजार रुपये तीन बार में निकल गए। वह फौरन बैंक पहुंचे और अपने एकाउंट को ब्लाक करवाया बाद में साइबर क्राइम सेल में शिकायत की।

ठगों का नया तरीका

सायबर अफसरो के अनुसार सायबर ठग केवाईसी, वेरिफिकेशन, बिजली बिल जमा करने, खाता या एटीएम ब्लॉक करने, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने सहित अन्य तरह के झांसा देने के मैसेज भेजकर रिमोट एप डाउनलोड करवाने के बाद बैंक अकाउंट से रकम उड़ाते थे। लेकिन शादी के सीजन में साइबर जालसाज अनजान नंबरों मोबाइल के वाट्सएप पर शादी का इनविटेशन कार्ड भेज कर ठग चंद मिनटों में ही ऑनलाइन काम करते हुए आपके बैंक खाते से पैसा उड़ा देते हैं।


साइबर क्राइम की एडवाइजरी

अगर आपको काल आए कि ट्राई आपका फोन बंद करने वाला है, तो जवाब न दें।
अगर फेडएक्स के नाम पर काल आए और पैकेज के बारे में बात करते हुए आपसे 1 दबाने को कहें, तो जवाब न दें।
अगर कोई पुलिस अधिकारी आपके आधार कार्ड के बारे में बात करने के लिए काल करे, तो जवाब नहीं दें।
अगर वे कहें कि आप ‘डिजिटल गिरफ्तारी में हैं, तो जवाब न दें।
अगर वे कहें कि आपके नाम पर भेजे गए पैकेज में ड्रग्स मिले हैं, तो जवाब न दें।
अगर वे कहें कि किसी को न बताएं, तो उनकी बात न मानें। साइबर क्राइम पुलिस को 1930 पर सूचित करें।
अगर उपरोक्त सभी बातों के बावजूद आप साइबर फ्राड का शिकार हो जाते हैं, तो तुंरत ही अपने स्थानीय साइबर पुलिस को 1930 पर इसकी रिपोर्ट करें।

Pages